कुफ़्र की बातें* ☆02

*कुफ़्र की बातें* ☆02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*(3)* किसी से कहा कि ان شاء الله तुम इस काम को करोगे,उस ने कह दिया कि "अजी मैं बिगैर ان شاء الله के करूंगा।" काफ़िर हो गया। 
*(4)* किसी मालदार को देख कर येह कह दिया कि "आखिर येह कैसा इन्साफ़ है कि इस को मालदार बना दिया मुझे ग़रीब बना दिया।" येह कहना कुफ़्र है। 
*(5)* अवलाद वगैरा के मरने पर रंज और गुस्से में इस किस्म की बोलियां बोलने लगे कि खुदा को बस मेरा बेटा ही मारने के लिये मिला था। दुन्या भर में मारने के लिये मेरे बेटे के सिवा खुदा को दूसरा कोई मिलता ही नहीं। खुदा को ऐसा जुल्म नहीं करना चाहिये था। अल्लाह ने बहुत बुरा किया कि मेरे एकलौते बेटे को मार कर मेरा घर बे चराग़ कर दिया। इस क़िस्म की बोलियां बोल देने से आदमी काफ़िर हो जाता है।
_✍🏻बाकी अगली पोस्ट मे..ان شاء الله_
*📓जन्नती जे़वर 200*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*ये मेसेज दूसरों को भेजकर सवाब के हक़दार बनें*
═══════✬∘◦✬∘◦❁◦∘✬◦∘✬ ═══════
*दीनी मेसेज पढ़ने के लिए हमारे ग्रुप से जुड़ें और अपने ईल्म में इज़ाफ़ा करके अपनी आखि़रत को बेहतर बनायें*


_*🌟https://chat.whatsapp.com/II86v8O0eDB8l2AgnHmGOy🌟*_

Comments

Popular posts from this blog

*शब-ए-जुमा का दुरूद*

सूरह फ़लक़ और सूरए नास के फ़जाइल (1)

शबे मेराज और नवाफिल