सूरह फ़लक़ और सूरए नास के फ़जाइल (2)

 सूरह फ़लक़ और सूरए नास के फ़जाइल  पार्ट 02

بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

(4) जब रसूलुल्लाह ﷺ आराम फ़रमाने के लिये बिस्तर पर तशरीफ़ लाते तो दोनों हाथों को जोड़ कर सूरए इख्लास ,फ़लक़ और नास पढ़ कर दम करते और बदने अक्दस के जिस हिस्से तक हाथ पहुंचते वहां हाथ फैरते मगर हाथ फैरने की इब्तिदा सर और चेहरे से होती और जिस्मे अक्दस के अगले हिस्से से और इसी तरह तीन मर्तबा येह अमल करते थे।

✍🏻صَحِیحُ البُخارِیّ

(5) सरकारे दो आलम ﷺ ने फ़रमाया قُلْ هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌۚ और मुअव्वि-जतैन (सूरए फ़लक़ और सूरए नास) रोज़ाना तीन तीन मर्तबा सुब्ह व शाम पढ़ लिया करो यह तुम्हारे लिये हर चीज़ से किफ़ायत करेंगी। 

✍🏻اَلدُّرُالْمَنْشُوْر

مدنی پنجسورہ ١٢٥

बाकी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

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